Live: UP Flood News | उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ से बर्बादी, कईं इलाके हुए जलमग्न

उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना में आई बाढ़ के कारण फतेहपुर जिले में कानपुर-बांदा मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।संगम नगरी प्रयागराज के कई प्रमुख इलाके जलमग्न हो चुके हैं, जबकि वाराणसी समेत अन्य शहरों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
देशभर में मॉनसून की दस्तक ने मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल दिया है। उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। संगम नगरी प्रयागराज के कई प्रमुख इलाके जलमग्न हो चुके हैं, जबकि वाराणसी समेत अन्य शहरों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना में आई बाढ़ के कारण फतेहपुर जिले में कानपुर-बांदा मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। किशुनपुर-दांदो यमुना पुल का संपर्क मार्ग टूट जाने से इस रास्ते से आवागमन भी बंद हो गया है। अब तक 200 से अधिक गांव पानी में डूब चुके हैं और हजारों एकड़ खड़ी फसलें नष्ट हो चुकी हैं। नदियों के तेज बहाव की चपेट में आकर कई लोगों की जान भी जा चुकी है।
Aug 04, 2025 14:47 | सीतापुर में गिरी दीवार, घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचायासीएम योगी ने जनपद सीतापुर में दीवार गिरने से हुए हादसे में हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतक बच्चियों के शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य को तीव्रता से संचालित करने और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर समुचित इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। |
Aug 04, 2025 14:45 | प्रयागराज में 34 राहत शिविर स्थापित किए गएजिलाधिकारी प्रयागराज ने जानकारी दी है कि जिले में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कुल 34 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। ये शिविर विभिन्न स्थानों पर बने हैं, जिनकी पूरी सूची संलग्न की गई है।— DM Prayagraj (@DM_PRAYAGRAJ) August 4, 2025 |
Aug 04, 2025 14:43 | गंगा का जलस्तर प्रति घंटे लगभग दो सेंटीमीटर बढ़ रहावाराणसी में पलट प्रवाह के कारण वरुणा, नाद और गोमती नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है, जिसका असर अब आबादी वाले इलाकों में साफ दिखाई देने लगा है। काशी के 84 घाट पहले ही जलमग्न हो चुके हैं और अब गंगा का पानी शहर की ओर बढ़ रहा है।केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार सुबह गंगा का जलस्तर 72.03 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 71.26 मीटर से 57 सेंटीमीटर ऊपर है। गंगा का जलस्तर प्रति घंटे लगभग दो सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। रविवार सुबह यह 71.56 मीटर था, जो रात आठ बजे तक बढ़कर 71.81 मीटर तक पहुंच गया था। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और प्रशासन अलर्ट मोड में है। |
Aug 04, 2025 14:41 | घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतारेंमणिकर्णिका घाट की गलियों में अब नावें चल रही हैं, क्योंकि सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं। शव ले जाने के लिए परिजनों से 200 से 500 रुपये तक अतिरिक्त किराया वसूला जा रहा है। घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतारें लगी हैं और परिजनों को पांच से छह घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। जगह की कमी के चलते कई शवों का अंतिम संस्कार घरों की छतों पर कराया जा रहा है। इस आपदा में शोक पर भी मुनाफाखोरी हावी है—लकड़ी के दामों में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है। पहले जो लकड़ी 600-700 रुपये प्रति मन मिलती थी, अब उसका भाव 1000 से 1200 रुपये प्रति मन तक पहुंच गया है। |
Aug 04, 2025 14:40 | घाटों की ओर जाने वाले रास्तों पर 100 मीटर पहले बैरिकेडिंगसावन माह के चौथे सोमवार और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने रविवार रात काशी विश्वनाथ धाम और प्रमुख कांवड़ मार्गों का निरीक्षण किया। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था और बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लिया।पुलिस आयुक्त ने बताया कि गंगा घाटों पर बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं। घाटों की ओर जाने वाले रास्तों पर 100 मीटर पहले ही बैरिकेडिंग की गई है, ताकि किसी को खतरे वाले क्षेत्रों में जाने से रोका जा सके। इसके अलावा, चेतावनी संकेतक बोर्ड भी जगह-जगह लगाए गए हैं ताकि लोग सतर्क रहें। |
Aug 04, 2025 14:39 | अगले 24-48 घंटों के भीतर शहर के निचले इलाकों में पानी घुस सकता हैवाराणसी में गंगा का जलस्तर हर घंटे करीब दो सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। इस तेजी को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि अगले 24 से 48 घंटों के भीतर शहर के निचले इलाकों में पानी घुस सकता है। प्रशासन ने हालात को गंभीरता से लेते हुए लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें। साथ ही, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने की सलाह दी गई है, ताकि किसी भी संभावित आपदा से बचाव सुनिश्चित किया जा सके। |
Aug 04, 2025 14:33 | वाराणसी के 44 गांव और 24 शहरी मोहल्ले बाढ़ से प्रभावितवाराणसी के जिला प्रशासन के अनुसार, वाराणसी के 44 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे 1,410 परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं। इसके अलावा, 6,244 किसानों की लगभग 1,721 एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। शहर का भी बुरा हाल है—24 शहरी मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हैं और जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है। |
Aug 04, 2025 14:32 | वाराणसी में बाढ़ की स्थिति गंभीरवाराणसी में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। गंगा का पानी बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर से अब सिर्फ 800 मीटर की दूरी पर पहुंच चुका है। वहीं, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सीढ़ियों की ओर भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। रविवार शाम तक गंगा द्वार की केवल 13 सीढ़ियां ही पानी से सुरक्षित बची थीं। अगर यही हाल रहा तो सोमवार तक कुछ और सीढ़ियां जलमग्न हो सकती हैं। |
Aug 04, 2025 14:30 | राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों की एक विशेष टीम गठित कीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों की एक विशेष टीम गठित की है, जो अपने-अपने आवंटित क्षेत्रों में जाकर राहत व बचाव कार्यों की देखरेख कर रही है। प्रयागराज और मिर्जापुर की जिम्मेदारी मंत्री नंदगोपाल गुप्ता को सौंपी गई है, जो हालात पर नजर रखे हुए हैं। |
Aug 04, 2025 14:29 | एनडीआरएफ की टीमें लगातार घर-घर पहुंचने का प्रयास कर रहीप्रयागराज के बघाड़ा, दारागंज, तेलियरगंज और सलोरी जैसे इलाके हर साल सबसे पहले बाढ़ की चपेट में आते हैं। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र भी रहते हैं, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील हो जाती है। बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगातार घर-घर पहुंचने का प्रयास कर रही हैं और जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, पीने का पानी और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। |
Aug 04, 2025 14:27 | कानपुर देहात में 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट मेंकानपुर देहात में यमुना नदी के उफान के चलते 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि अब जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा है, लेकिन प्रभावित गांवों में अभी भी राहत के हालात नहीं बन पाए हैं। सबसे बड़ी समस्या राहत सामग्री की है—लोगों को तिरपाल, मोमबत्ती और रोशनी के अन्य साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ग्रामीण अपनी जरूरतें खुद ही पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं, कुछ समाजसेवी भी मदद कर रहे हैं, लेकिन संसाधन सीमित हैं। नावों की संख्या भी कम है, जिससे आवागमन में दिक्कत हो रही है। प्रशासन की ओर से अपेक्षित मदद नहीं मिल पा रही है, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। राहत के नाम पर लंच पैकेट का वितरण तो हो रहा है, लेकिन अन्य जरूरी सामान जैसे दवाएं, कपड़े या रहने के इंतजाम बहुत कम उपलब्ध हैं। |
Aug 04, 2025 14:26 | चित्रकूट में यमुना के साथ अब मंदाकिनी, बरदहा और बागे नदियां भी बाढ़ की चपेट मेंचित्रकूट जनपद में पिछले 24 घंटे से लगातार मूसलधार बारिश हो रही है। पहले से ही उफान पर रही यमुना नदी के साथ अब मंदाकिनी, बरदहा और बागे नदियां भी बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। मंदाकिनी का पानी रामघाट की दुकानों में घुस चुका है, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। यमुना नदी ने 50 से ज्यादा गांवों को चारों ओर से घेर लिया है। हालात गंभीर होते देख करीब 100 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। वहीं, मानिकपुर विधायक ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और राहत कार्यों की समीक्षा की। |
Aug 04, 2025 13:12 | पहली बार वाराणसी के नमो घाट को पूरी तरह बंद करना पड़ावाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण अब यह खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। पहली बार नमो घाट को पूरी तरह बंद करना पड़ा है। शीतला घाट की सड़कों तक पानी आ गया है, और बाढ़ का पानी अब बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर से सिर्फ 800 मीटर की दूरी पर पहुंच गया है। सामनेघाट की सड़कें भी गंगा के पानी से डूबने लगी हैं। उधर, मणिकर्णिका घाट पर शवों की अंत्येष्टि के लिए लंबी कतारें लग गई हैं, जिससे हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं। |
Aug 04, 2025 13:12 | वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपरवाराणसी में गंगा का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। पहली बार नमो घाट को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। घाट पर बनी आकर्षक 'नमस्ते' संरचना अब लगभग डूबने की स्थिति में है, जिसके चलते पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले कभी भी नमो घाट पर बाढ़ का पानी इस हद तक नहीं पहुंचा था। |
Aug 04, 2025 13:11 | संगम पर दोनों नदियां यहां खतरे का संकेत दे रहीसंगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ ने ऐसी स्थिति बना दी है कि अब यह पहचानना मुश्किल हो गया है कि कहां गंगा है और कहां यमुना। किला घाट से लेकर झूंसी तक सब कुछ एकसमान जलमग्न हो गया है। दोनों नदियां यहां खतरे का संकेत दे रही हैं। सबसे भयावह स्थिति गंगा के तराई वाले इलाकों की है — बेला कछार, राजापुर, तेलियरगंज, सोनौटी और बघाड़ा जैसे इलाके पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। प्रसिद्ध बड़े हनुमान जी की मूर्ति जल समाधि ले चुकी है, अब केवल मंदिर की धर्मध्वजा ही दिखाई दे रही है। संगम तट पर स्थित शंकर विमान मंडप भी गंगा की उठती लहरों से अछूता नहीं रहा। |
Aug 04, 2025 13:09 | यूपी के 17 जिले बाढ़ की चपेट मेंउत्तर प्रदेश के 17 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से 16 जिले ऐसे हैं, जहां गंगा और यमुना नदियों का कहर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। प्रयागराज से लेकर बलिया तक गंगा के किनारे बसे कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। सड़कों, घरों और घाटों पर पानी भर जाने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। नदियों के उफान और लगातार बारिश के कारण हालात दिन-ब-दिन और गंभीर होते जा रहे हैं। |
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